STONE AGE QUIZ
Quiz-summary
0 of 30 questions completed
Questions:
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- 6
- 7
- 8
- 9
- 10
- 11
- 12
- 13
- 14
- 15
- 16
- 17
- 18
- 19
- 20
- 21
- 22
- 23
- 24
- 25
- 26
- 27
- 28
- 29
- 30
Information
STONE AGE QUIZ
You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
Quiz is loading...
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
Results
0 of 30 questions answered correctly
Your time:
Time has elapsed
You have reached 0 of 0 points, (0)
Average score |
|
Your score |
|
Categories
- Not categorized 0%
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- 6
- 7
- 8
- 9
- 10
- 11
- 12
- 13
- 14
- 15
- 16
- 17
- 18
- 19
- 20
- 21
- 22
- 23
- 24
- 25
- 26
- 27
- 28
- 29
- 30
- Answered
- Review
-
Question 1 of 30
1. Question
1 pointsरॉबर्ट ब्रूस फुट थे एक
Correct
उत्तर-(a& b)
इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार, रॉबर्ट ब्रूस फुट ब्रिटिश भूगर्भवैज्ञानिक और पुरातत्वविद थे। जियोलॉजिकल सर्वे से संबद्ध रॉबर्ट ब्रूस फुट ने 1863 ई. में भारत में पाषाणकालीन बस्तियों के अन्वेषण की शुरुआत की। अतः स्पष्ट है कि इस प्रश्न का उत्तर विकल्प (a) और (b) दोनों ही हो सकता है।Incorrect
उत्तर-(a& b)
इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार, रॉबर्ट ब्रूस फुट ब्रिटिश भूगर्भवैज्ञानिक और पुरातत्वविद थे। जियोलॉजिकल सर्वे से संबद्ध रॉबर्ट ब्रूस फुट ने 1863 ई. में भारत में पाषाणकालीन बस्तियों के अन्वेषण की शुरुआत की। अतः स्पष्ट है कि इस प्रश्न का उत्तर विकल्प (a) और (b) दोनों ही हो सकता है। -
Question 2 of 30
2. Question
1 pointsकोपेनहेगन संग्रहालय की सामग्री से पाषाण, कांस्य और लौह युग का त्रियुगीय विभाजन किया था
Correct
डेनमार्क के कोपेनहेगन संग्रहालय की सामग्री के आधार पर पाषाण, कांस्य और लौह युग का त्रियुगीय विभाजन 1820 ई. में पुरातात्विक क्रिश्चियन जर्गेनसन थॉमसन ने किया था।
Incorrect
डेनमार्क के कोपेनहेगन संग्रहालय की सामग्री के आधार पर पाषाण, कांस्य और लौह युग का त्रियुगीय विभाजन 1820 ई. में पुरातात्विक क्रिश्चियन जर्गेनसन थॉमसन ने किया था।
-
Question 3 of 30
3. Question
1 pointsउत्खनित प्रमाणों के अनुसार, पशुपालन का प्रारंभ हुआ था-
Correct
उत्तर-(d)
मध्यपाषाण काल के अंतिम चरण में पशुपालन के साक्ष्य प्राप्त होने लगते हैं। ऐसे पशुपालन के साक्ष्य भारत में आदमगढ़ (होशंगाबाद, म.प्र.) तथा बागोर (भीलवाड़ा, राजस्थान) से मिले हैं।Incorrect
उत्तर-(d)
मध्यपाषाण काल के अंतिम चरण में पशुपालन के साक्ष्य प्राप्त होने लगते हैं। ऐसे पशुपालन के साक्ष्य भारत में आदमगढ़ (होशंगाबाद, म.प्र.) तथा बागोर (भीलवाड़ा, राजस्थान) से मिले हैं। -
Question 4 of 30
4. Question
1 pointsमध्यपाषाणिक प्रसंग में पशुपालन के प्रमाण जहां मिले, वह स्थान है
Correct
Incorrect
-
Question 5 of 30
5. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किस स्थल से हड्डी के उपकरण प्राप्त हुए
Correct
उत्तर-(c)
मध्यपाषाण कालीन महदहा (उ.प्र. के प्रतापगढ़ जिले में स्थित) से बड़ी मात्रा में हड्डी एवं सींग निर्मित उपकरण प्राप्त हुए हैं। जी.आर. शर्मा महदहा में तीन क्षेत्रों का उल्लेख करते हैं, जो झील क्षेत्र, बूचड़खाना | संकुल क्षेत्र एवं कब्रिस्तान निवास क्षेत्र में बंटा था। बूचड़खाना संकुल क्षेत्र से ही हड्डी एवं सींग निर्मित उपकरण एवं आभूषण बड़े पैमाने पर पाए गएIncorrect
उत्तर-(c)
मध्यपाषाण कालीन महदहा (उ.प्र. के प्रतापगढ़ जिले में स्थित) से बड़ी मात्रा में हड्डी एवं सींग निर्मित उपकरण प्राप्त हुए हैं। जी.आर. शर्मा महदहा में तीन क्षेत्रों का उल्लेख करते हैं, जो झील क्षेत्र, बूचड़खाना | संकुल क्षेत्र एवं कब्रिस्तान निवास क्षेत्र में बंटा था। बूचड़खाना संकुल क्षेत्र से ही हड्डी एवं सींग निर्मित उपकरण एवं आभूषण बड़े पैमाने पर पाए गए -
Question 6 of 30
6. Question
1 pointsहड्डी से निर्मित आभूषण भारत में मध्यपाषाण काल के संदर्भ में प्राप्त
Correct
उत्तर-(b)
Incorrect
उत्तर-(b)
-
Question 7 of 30
7. Question
1 pointsएक ही कब्र से तीन मानव कंकाल निकले हैं
Correct
उत्तर-(b)
मध्य गंगा घाटी के प्रतापगढ़ जिले में स्थित सराय नाहर राय, महदहा तथा दमदमा का उत्खनन हुआ है। दमदमा में लगातार पांच वर्षों तक किए गए उत्खनन के फलस्वरूप पश्चिमी तथा मध्यवर्ती क्षेत्रों से कल मिलाकर 41 मानव शवाधान ज्ञात हुए हैं। इन शवाधानों में से 5 शवाधान युग्म-शवाधान हैं और एक शवाधान में 3 मानव कंकाल एक साथ दफनाए हुए मिले हैं। शेष शवाधानों में एक-एक कंकाल मिले हैं।Incorrect
उत्तर-(b)
मध्य गंगा घाटी के प्रतापगढ़ जिले में स्थित सराय नाहर राय, महदहा तथा दमदमा का उत्खनन हुआ है। दमदमा में लगातार पांच वर्षों तक किए गए उत्खनन के फलस्वरूप पश्चिमी तथा मध्यवर्ती क्षेत्रों से कल मिलाकर 41 मानव शवाधान ज्ञात हुए हैं। इन शवाधानों में से 5 शवाधान युग्म-शवाधान हैं और एक शवाधान में 3 मानव कंकाल एक साथ दफनाए हुए मिले हैं। शेष शवाधानों में एक-एक कंकाल मिले हैं। -
Question 8 of 30
8. Question
1 pointsखाद्यान्नों की कृषि सर्वप्रथम प्रारंभ हुई थी –
Correct
उत्तर-(a)खाद्यान्नों का उत्पादन सर्वप्रथम नवपाषाण काल में हुआ। यही वह समय है, जब मनुष्य कृषि कर्म से परिचित हुआ।
Incorrect
उत्तर-(a)खाद्यान्नों का उत्पादन सर्वप्रथम नवपाषाण काल में हुआ। यही वह समय है, जब मनुष्य कृषि कर्म से परिचित हुआ।
-
Question 9 of 30
9. Question
1 pointsभारत में मानव का सर्वप्रथम साक्ष्य कहां मिलता है?
Correct
उत्तर-(d)भारत में मानव का सर्वप्रथम साक्ष्य मध्य प्रदेश के पश्चिमी नर्मदा क्षेत्र में | मिला है। इसकी खोज वर्ष 1982 में की गई थी।
Incorrect
उत्तर-(d)भारत में मानव का सर्वप्रथम साक्ष्य मध्य प्रदेश के पश्चिमी नर्मदा क्षेत्र में | मिला है। इसकी खोज वर्ष 1982 में की गई थी।
-
Question 10 of 30
10. Question
1 pointsमानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयुक्त अनाज था
Correct
उत्तर-(c)आधुनिक मानव समाज द्वारा मुख्य रूप से 8 खाद्य अनाजों का उपभोग किया गया है-जौ, गेहूं, चावल, मक्का, बाजरा, सोरघम, राई एवं जई। अनाजों के पौधे विभिन्न क्षेत्रों में जंगली घास के रूप में विद्यमान थे जिन्हें बीजों के रूप में मानव ने उगाया, अलग-अलग क्षेत्र में, अलग-अलग समय पर। वैश्विक दृष्टि से देखा जाए, तो सर्वप्रथम जौ (Barley) 8000 ई.पू. में निकट पूर्व (Near East-भूमध्य सागर एवं ईरान के मध्य स्थित पश्चिमी एशिया के देश) में मानव द्वारा उगाया गया। बाद में लगभग इन्हीं क्षेत्रों में 8000 ई.पू. के आस-पास ही गेहूं (Wheat) मानव द्वारा उगाया जाने लगा।
Incorrect
उत्तर-(c)आधुनिक मानव समाज द्वारा मुख्य रूप से 8 खाद्य अनाजों का उपभोग किया गया है-जौ, गेहूं, चावल, मक्का, बाजरा, सोरघम, राई एवं जई। अनाजों के पौधे विभिन्न क्षेत्रों में जंगली घास के रूप में विद्यमान थे जिन्हें बीजों के रूप में मानव ने उगाया, अलग-अलग क्षेत्र में, अलग-अलग समय पर। वैश्विक दृष्टि से देखा जाए, तो सर्वप्रथम जौ (Barley) 8000 ई.पू. में निकट पूर्व (Near East-भूमध्य सागर एवं ईरान के मध्य स्थित पश्चिमी एशिया के देश) में मानव द्वारा उगाया गया। बाद में लगभग इन्हीं क्षेत्रों में 8000 ई.पू. के आस-पास ही गेहूं (Wheat) मानव द्वारा उगाया जाने लगा।
-
Question 11 of 30
11. Question
1 pointsभारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं
Correct
उत्तर-(b)नवीनतम खोजों के आधार पर भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में स्थित लहुरादेव है। यहां से 8000 ई.पू. से 9000 ई.पू. मध्य के चावल के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इस नवीनतम खोज के पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप का प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल मेहरगढ़ (पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित; यहां से 7000 ई.पू. के गेहूं के साक्ष्य मिले हैं), जबकि प्राचीनतम चावल के साक्ष्य वाला स्थल कोलडिहवा (इलाहाबाद जिले में बेलन नदी के तट पर स्थित; यहां से 6500 ई.पू. के चावल की भूसी के साक्ष्य मिले हैं) माना जाता था। उपरोक्त संदर्भो में अब यदि विकल्प में लहुरादेव रहता है, तो उपयुक्त विकल्प वही होगा परंतु लहुरादेव के विकल्प में न होने की स्थिति में इसका उत्तर पूर्व की भांति होगा।
Incorrect
उत्तर-(b)नवीनतम खोजों के आधार पर भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में स्थित लहुरादेव है। यहां से 8000 ई.पू. से 9000 ई.पू. मध्य के चावल के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इस नवीनतम खोज के पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप का प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल मेहरगढ़ (पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित; यहां से 7000 ई.पू. के गेहूं के साक्ष्य मिले हैं), जबकि प्राचीनतम चावल के साक्ष्य वाला स्थल कोलडिहवा (इलाहाबाद जिले में बेलन नदी के तट पर स्थित; यहां से 6500 ई.पू. के चावल की भूसी के साक्ष्य मिले हैं) माना जाता था। उपरोक्त संदर्भो में अब यदि विकल्प में लहुरादेव रहता है, तो उपयुक्त विकल्प वही होगा परंतु लहुरादेव के विकल्प में न होने की स्थिति में इसका उत्तर पूर्व की भांति होगा।
-
Question 12 of 30
12. Question
1 pointsभारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं
Correct
उत्तर-(d)
Incorrect
उत्तर-(d)
-
Question 13 of 30
13. Question
1 pointsभारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य कहां से प्राप्त हुए हैं?
Correct
उत्तर-(c)
Incorrect
उत्तर-(c)
-
Question 14 of 30
14. Question
1 pointsउस स्थल का नाम बताइए जहां से प्राचीनतम स्थायी जीवन के प्रमाण
मिले हैं?Correct
उत्तर-(d)दिए गए विकल्पों में प्राचीनतम स्थायी जीवन के प्रमाण सर्वप्रथम बलूचिस्तान
के कच्छी मैदान स्थित मेहरगढ़ से मिले हैं। जिसकी प्रामाणिक तिथि | सातवीं सहस्राब्दि ईसा पूर्व (7000 ई.पू.) है। जबकि किले गुल मोहम्मद एवं
कालीबंगा की प्राचीनतम तिथि क्रमशः 4000 ई.पू.एवं 3500 ई.पू. है। अतः | विकल्प (d) सही उत्तर है।Incorrect
उत्तर-(d)दिए गए विकल्पों में प्राचीनतम स्थायी जीवन के प्रमाण सर्वप्रथम बलूचिस्तान
के कच्छी मैदान स्थित मेहरगढ़ से मिले हैं। जिसकी प्रामाणिक तिथि | सातवीं सहस्राब्दि ईसा पूर्व (7000 ई.पू.) है। जबकि किले गुल मोहम्मद एवं
कालीबंगा की प्राचीनतम तिथि क्रमशः 4000 ई.पू.एवं 3500 ई.पू. है। अतः | विकल्प (d) सही उत्तर है। -
Question 15 of 30
15. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किसको चालकोलिथिक युग भी कहा जाता है?
Correct
ताम्रपाषाण युग को चालकोलिथिक युग भी कहा जाता है।
Incorrect
ताम्रपाषाण युग को चालकोलिथिक युग भी कहा जाता है।
-
Question 16 of 30
16. Question
1 pointsनिम्न में से किस एक पुरास्थल से पाषाण संस्कृति से लेकर हड़प्पा सभ्यता तक के सांस्कृतिक अवशेष प्राप्त हुए हैं।
Correct
उत्तर-(b)बलूचिस्तान (पाकिस्तान) में स्थित पुरास्थल मेहरगढ़ से पाषाण संस्कृति से लेकर हड़प्पा सभ्यता तक के सांस्कृतिक अवशेष प्राप्त हुए हैं।
Incorrect
उत्तर-(b)बलूचिस्तान (पाकिस्तान) में स्थित पुरास्थल मेहरगढ़ से पाषाण संस्कृति से लेकर हड़प्पा सभ्यता तक के सांस्कृतिक अवशेष प्राप्त हुए हैं।
-
Question 17 of 30
17. Question
1 pointsनवदाटोली का उत्खनन किसने किया था?
Correct
उत्तर-(c) नवदाटोली (मध्य प्रदेश) का उत्खनन दक्कन कॉलेज, पूना के प्रोफेसर एच.डी. सांकलिया ने कराया था। ये स्थल इस महाद्वीप का सबसे विस्तृत उत्खनित ताम्रपाषाणिक ग्राम स्थल है जिसकी तिथि ई. पू. 1600 से 1300 के बीच निर्धारित की गई है।
Incorrect
उत्तर-(c) नवदाटोली (मध्य प्रदेश) का उत्खनन दक्कन कॉलेज, पूना के प्रोफेसर एच.डी. सांकलिया ने कराया था। ये स्थल इस महाद्वीप का सबसे विस्तृत उत्खनित ताम्रपाषाणिक ग्राम स्थल है जिसकी तिथि ई. पू. 1600 से 1300 के बीच निर्धारित की गई है।
-
Question 18 of 30
18. Question
1 pointsनवदाटोली किस राज्य में अवस्थित है?
Correct
उत्तर-(d)
Incorrect
उत्तर-(d)
-
Question 19 of 30
19. Question
1 pointsवृहत्पाषाण स्मारकों की पहचान की गई है –
Correct
उत्तर-(b)नंवपाषाणयुगीन दक्षिण भारत में शवों को विभिन्न प्रकार की समाधियों में | दफनाने की परंपरा रही है। इन समाधियों को जो विशाल पाषाण खंडों से निर्मित हैं वृहत्पाषाण या मेगालिथ (Megalith) के नाम से जाना जाता है। इनके विभिन्न प्रकार हैं; जैसे- सिस्ट-समाधि, पिट सर्किल, कैर्न-सर्किल, डोल्मेन, अंब्रेला-स्टोन, हुङ-स्टोन, कंदराएं, मेहिर। ये वृहत्पाषाण स्मारक मृतकों की समाधियां थी।
Incorrect
उत्तर-(b)नंवपाषाणयुगीन दक्षिण भारत में शवों को विभिन्न प्रकार की समाधियों में | दफनाने की परंपरा रही है। इन समाधियों को जो विशाल पाषाण खंडों से निर्मित हैं वृहत्पाषाण या मेगालिथ (Megalith) के नाम से जाना जाता है। इनके विभिन्न प्रकार हैं; जैसे- सिस्ट-समाधि, पिट सर्किल, कैर्न-सर्किल, डोल्मेन, अंब्रेला-स्टोन, हुङ-स्टोन, कंदराएं, मेहिर। ये वृहत्पाषाण स्मारक मृतकों की समाधियां थी।
-
Question 20 of 30
20. Question
1 points‘राख का टीला’ निम्नलिखित किस नवपाषाणिक स्थल से संबंधित है?
Correct
उत्तर-(b)कर्नाटक में मैसूर के पास वेल्लारी जनपद में स्थित संगनकल्लू नामक नवपाषाण कालीन पुरास्थल से राख के टीले’ प्राप्त हुए हैं।
Incorrect
उत्तर-(b)कर्नाटक में मैसूर के पास वेल्लारी जनपद में स्थित संगनकल्लू नामक नवपाषाण कालीन पुरास्थल से राख के टीले’ प्राप्त हुए हैं।
-
Question 21 of 30
21. Question
1 points“भीमबेटका” किसके लिए प्रसिद्ध है?
Correct
उत्तर-(a) मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित भीमबेटका प्रागैतिहासिक शैल चित्रकला का श्रेष्ठ उदाहरण है। इन गुफाओं में जीवन के विविध रंगों को पेंटिंग के रूप में उकेरा गया, जिनमें हाथी, सांभर, हिरन आदि के चित्र हैं। अब तक लगभग 700 शरणस्थलियों की पहचान की जा चुकी है, इनमें 243 भीमबेटका समूह में तथा 178 लाखा जुआर समूह (Lakha Juar group) में स्थित हैं।
Incorrect
उत्तर-(a) मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित भीमबेटका प्रागैतिहासिक शैल चित्रकला का श्रेष्ठ उदाहरण है। इन गुफाओं में जीवन के विविध रंगों को पेंटिंग के रूप में उकेरा गया, जिनमें हाथी, सांभर, हिरन आदि के चित्र हैं। अब तक लगभग 700 शरणस्थलियों की पहचान की जा चुकी है, इनमें 243 भीमबेटका समूह में तथा 178 लाखा जुआर समूह (Lakha Juar group) में स्थित हैं।
-
Question 22 of 30
22. Question
1 pointsनिम्न में से कौन-सा स्थल प्रागैतिहासिक चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है?
Correct
उत्तर-(d)
Incorrect
उत्तर-(d)
-
Question 23 of 30
23. Question
1 pointsभीमबेटका की गुफाएं कहां स्थित हैं?
Correct
उत्तर-(d)
Incorrect
उत्तर-(d)
-
Question 24 of 30
24. Question
1 pointsभारत में किस शिलाश्रय से सर्वाधिक चित्र प्राप्त हुए हैं?
Correct
उत्तर-(b) म.प्र. के पाषाणकालीन स्थल भीमबेटका से चित्रकारी से युक्त 500 शिलाश्रय प्राप्त हुए हैं
Incorrect
उत्तर-(b) म.प्र. के पाषाणकालीन स्थल भीमबेटका से चित्रकारी से युक्त 500 शिलाश्रय प्राप्त हुए हैं
-
Question 25 of 30
25. Question
1 pointsगैरिक मृद्भांड पात्र (ओ.सी.पी.) का नामकरण हुआ था
Correct
उत्तर-(a) गंगा-यमुना दोआब की सांस्कृतिक परंपरा संभवतः उस संस्कृति के साथ शुरू होती है जिसे अपने अत्यंत विशिष्ट मृभांड के नमूने के कारण गेरुवर्णी गैरिक मृद्भाड संस्कृति (OCP) कहा गया है। इसके साक्ष्य विशेषतः हस्तिनापुर एवं अतरंजीखेड़ा से प्राप्त होते हैं।
Incorrect
उत्तर-(a) गंगा-यमुना दोआब की सांस्कृतिक परंपरा संभवतः उस संस्कृति के साथ शुरू होती है जिसे अपने अत्यंत विशिष्ट मृभांड के नमूने के कारण गेरुवर्णी गैरिक मृद्भाड संस्कृति (OCP) कहा गया है। इसके साक्ष्य विशेषतः हस्तिनापुर एवं अतरंजीखेड़ा से प्राप्त होते हैं।
-
Question 26 of 30
26. Question
1 pointsताम्राश्म काल में महाराष्ट्र के लोग मृतकों को घर के फर्श के नीचे किस तरह रखकर दफनाते थे?
Correct
उत्तर-(a)महाराष्ट्र की ताम्रपाषाण कालीन संस्कृति (जोर्वे संस्कृति) के नेवासा, दायमाबाद, कौठे, चंदोली, इनामगांव आदि पुरास्थलों में घरों से मृतकों को अस्थिकलश में रखकर उत्तर से दक्षिण स्थिति में घरों के फर्श के नीचे दफनाए जाने के साक्ष्य मिले हैं। कब्र में मिट्टी की हंडियां और तांबे की कुछ वस्तुएं भी रखी जाती थीं।
Incorrect
उत्तर-(a)महाराष्ट्र की ताम्रपाषाण कालीन संस्कृति (जोर्वे संस्कृति) के नेवासा, दायमाबाद, कौठे, चंदोली, इनामगांव आदि पुरास्थलों में घरों से मृतकों को अस्थिकलश में रखकर उत्तर से दक्षिण स्थिति में घरों के फर्श के नीचे दफनाए जाने के साक्ष्य मिले हैं। कब्र में मिट्टी की हंडियां और तांबे की कुछ वस्तुएं भी रखी जाती थीं।
-
Question 27 of 30
27. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किस स्थल से मानव कंकाल के साथ कुत्ते का कंकाल भी शवाधान से प्राप्त हुआ है?
Correct
उत्तर-(b)जम्मू एवं कश्मीर में श्रीनगर के निकट उत्तर-पश्चिम में स्थित बुर्जहोम से नव पाषाणिक अवस्था में मानव कंकाल के साथ कुते का कंकाल भी शवाधान से प्राप्त हुआ है। गर्तावास (गड्ढों वाले घर) भी यहां की प्रमुख विशेषता है।
Incorrect
उत्तर-(b)जम्मू एवं कश्मीर में श्रीनगर के निकट उत्तर-पश्चिम में स्थित बुर्जहोम से नव पाषाणिक अवस्था में मानव कंकाल के साथ कुते का कंकाल भी शवाधान से प्राप्त हुआ है। गर्तावास (गड्ढों वाले घर) भी यहां की प्रमुख विशेषता है।
-
Question 28 of 30
28. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किस स्थान पर मानव के साथ कुत्ते को दफनाए जाने का साक्ष्य मिला है?
Correct
उत्तर-(a)
Incorrect
उत्तर-(a)
-
Question 29 of 30
29. Question
1 pointsविंध्य क्षेत्र के किस शिलाश्रय से सर्वाधिक मानव कंकाल मिले हैं?
Correct
उत्तर-(d) डॉ. जे.एन. पाण्डेय की पुस्तक ‘पुरातत्व विमर्श के अनुसार, विंध्य क्षेत्र के लेखहिया के शिलाश्रय संख्या 1 से मध्य पाषाणिक लघु पाषाण उपकरणों के अतिरिक्त सत्रह मानव कंकाल प्राप्त हुए हैं जिनमें से कुछ सुरक्षित हालत में हैं तथा अधिकांश क्षत-विक्षत हैं। अमेरिका के ओरेगॉन विश्वविद्यालय के जॉन आर. लुकास के अनुसार, लेखहिया में कुल 27 मानव कंकालों की अस्थियां मिली हैं।
Incorrect
उत्तर-(d) डॉ. जे.एन. पाण्डेय की पुस्तक ‘पुरातत्व विमर्श के अनुसार, विंध्य क्षेत्र के लेखहिया के शिलाश्रय संख्या 1 से मध्य पाषाणिक लघु पाषाण उपकरणों के अतिरिक्त सत्रह मानव कंकाल प्राप्त हुए हैं जिनमें से कुछ सुरक्षित हालत में हैं तथा अधिकांश क्षत-विक्षत हैं। अमेरिका के ओरेगॉन विश्वविद्यालय के जॉन आर. लुकास के अनुसार, लेखहिया में कुल 27 मानव कंकालों की अस्थियां मिली हैं।
-
Question 30 of 30
30. Question
1 pointsभारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण निम्नलिखित विभागों/मंत्रालयों में से किसका संलग्न कार्यालय है?
Correct
उत्तर-(a)भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक विभाग है।
Incorrect
उत्तर-(a)भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक विभाग है।